यह मेरा दीवानापन है अनुष्का
अनुष्का शर्मा ने मॉडलिंग के जरिए फिल्मों में एंट्री की थी और यशराज की फिल्म ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में शाहरुख खान के अपोजिट लीड रोल के साथ उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा की शुरुआत की। फिल्म को अच्छा रेस्पॉन्स मिला और अनुष्का के काम को भी लोगों ने खूब सराहा। इसके बाद आई ‘बदमाश कंपनी’ में उन्होंने शाहिद कपूर के साथ एक बिंदास लड़की का रोल निभाया और अब बारी है ‘बैंड बाजा बारात’ की।
यशराज के साथ आपकी तीसरी फिल्म आने वाली है….लगता है आपने हैट्रिक की तैयारी कर ली है?
यशराज कंपनी के साथ मेरे बहुत अच्छे रिश्ते हैं क्योंकि हमारी विचारधारा और सिद्धांत एक जैसे हैं। उन लोगों में टैलेंट के प्रति गहरे सम्मान का भाव है। मैंने लगातार दो कामयाब फिल्में उनके साथ की हैं। कुछ लोग भले ही इस बात को नहीं मानते हों, लेकिन ‘रब ने…’ और ‘बदमाश कंपनी’ दोनों ही कामयाब फिल्में हैं। लेकिन इन तीनों में से मेरी फेवरिट फिल्म ‘बैंड बाजा बारात’ है। यह एक यंग फिल्म है जो युवाओं के बारे में, उनके सफर के बारे में और उनके युवा होते जाने के बारे में है। उम्मीद करती हूं कि सफल फिल्मों की हैट्रिक हो जाएगी। अच्छी फिल्म है ‘बैंड बाजा बारात’। मैंने बहुत मेहनत की है इस फिल्म के लिए। पूरी फिल्म में दो लोगों के बीच बातचीत होती है। फिल्म का ट्रीटमेंट बहुत अच्छा और नया है। शादी हमारी फिल्म का बैकड्रॉप है, पर यह सब्जेक्ट नहीं है।
किस तरह का कैरेक्टर किया है आपने इस फिल्म में?
इस फिल्म में श्रुति का मेरा जो कैरेक्टर है, वो बहुत ही कूल और चार्मिंग है। ‘रब ने..’ में मैं बुझी हुई-सी थी, जबकि अपनी असल जिंदगी में मैं वैसी नहीं हूं। मैं तो बहुत ही बातूनी हूं, मुंहफट हूं। जो जैसा है उसे वैसा कहना मुझे पसंद है और इस फिल्म में मेरा किरदार भी वैसा ही है। मैं एक एक्टर हूं और चाहती हूं कि अपने रोल से मेरा सीधा जुड़ाव हो। मेरे पापा आर्मी में थे और वे तब फैजाबाद में थे जब मैं पैदा हुई। बैंगलुरू में पली-बढ़ी हूं। मुझे लोग पंजाबी इसलिए समझते हैं क्योंकि मैंने पहली फिल्म ‘रब ने बना दी जोड़ी’ में पंजाबी लड़की तानी का रोल किया था।
आप अपने आप ही इस फिल्म की हीरो हैं क्योंकि इस फिल्म में आपका जो हीरो है रणवीर सिंह, वह तो एकदम न्यूकमर है….।
देखिए, मुझे तो ये सब बातें समझ में आती नहीं हैं। मैं तो बस इतना जानती हूं कि रणवीर एक बहुत ही कॉन्फिडेंट एक्टर है और मुझे नहीं लगता कि दर्शक सिर्फ मुझे देखने थिएटर में आएंगे, रणवीर को भी लोग देखेंगे। जब कोई नया एक्टर आता है तो एक्साइटमेंट होती है लोगों में। वैसे बिजनेस की बातें प्रोड्यूसर को ही सूट करती हैं, कलाकारों को नहीं। ऐसा तो नहीं है कि मैं यह सब जान जाऊंगी तो ज्यादा एक्टिंग कर लूंगी। मुझे वही करना है जो स्क्रिप्ट में लिखा है। हां, यह बात सही है कि हमारी फिल्म में बड़ी स्टारकास्ट नहीं है।
‘बैंड बाजा बारात’ के निर्देशक मनीष शर्मा भी नये हैं। उनके निर्देशन में अभिनय करना आसान रहा या मुश्किल?
मनीष ने ही ‘रब ने बना दी जोड़ी’ के समय मेरा पहला ऑडिशन लिया था। वे आदित्य चोपड़ा के साथ उस फिल्म के एसोसिएट डायरेक्टर थे। फिर धीरे-धीरे हम दोस्त बन गए। मुंबई में मेरे कुल पांच दोस्त हैं उनमें से एक मनीष भी हैं। मुझे भी यशराज ने लॉन्च किया था और उन्हें भी यशराज लॉन्च कर रहे हैं। मनीष ने रणवीर का भी ऑडिशन लिया था। यही वजह है कि हम तीनों का अच्छा रैपो बन गया है। मनीष बहुत अच्छे डायरेक्टर हैं। मैं ऐसा इसलिए नहीं कह रही कि वे मेरी फिल्म के डायरेक्टर हैं।
जब आपका शादी करने का वक्त आएगा, तब क्या आप भी किसी वैडिंग प्लानर की सेवाएं लेंगी?
अपनी शादी के लिए मैं वैडिंग प्लानर्स की हेल्प तो जरूर लूंगी लेकिन मैं उन्हें सब कुछ डिसाइड नहीं करने दूंगी। असल में मुझे खुद ही निर्णय करने का दीवानापन है। मैं कभी भी किसी को सब कुछ तय करने की छूट नहीं दे सकती।
क्या आपने अपनी असल जिंदगी में कभी किसी की जोड़ी बनाने की कोशिश की है?
मैं कभी यह कर ही नहीं सकती। मैं तो इतनी बेवकूफ हूं कि मेरे दो दोस्त अगर एक-दूसरे को चाहने भी लगें हों और वो मुझे वहां से हटने के लिए चाहे जितने संकेत क्यों न दे दें, मैं फिर भी उसी कमरे में बैठी रहूंगी।
क्या आपके दोस्तों ने आपकी जोड़ी किसी के साथ बनाने की कोशिश की है?
वो ऐसा कर ही नहीं सकते क्योंकि मैं उनके इशारों को पकड़ ही नहीं पाती हूं। जब तक कोई खुद ही आकर मुझे यह न कह दे कि वो मुझसे मुहब्बत करने लगा है, मुझे पता ही नहीं चलेगा। अगर कोई मुझसे फ्लर्ट करने की कोशिश भी करेगा तो मुझे वह बात जरा भी समझ में नहीं आएगी।
क्या आपको इस बात का जरा भी अंदाजा था कि इस फिल्म में कोई किसिंग सीन भी होगा?
जब आप यह फिल्म देखेंगे तो खुद इस बात को मान जाएंगे कि इस बात का फिल्म की कहानी में कितना ज्यादा महत्त्व है। अब अगर यह कोई फालतू का किसिंग सीन होता तो मैं भी बहुत अनकंफर्टेबल होती। अगर कोई चीज, भले ही वो डांस हो या किस हो, कहानी को आगे बढ़ाती है तो फिर वो ठीक है। मैं एक डीसेंट एक्टर हूं, मैं एक अच्छे डायरेक्टर और एक बेहतरीन प्रोडक्शन हाउस के साथ काम कर रही हूं। मुझे लोगों का ध्यान आकृष्ट करने के लिए किसिंग सीन करने की जरूरत नहीं है।
यशराज के साथ आपका कॉन्ट्रेक्ट पूरा हो गया है….?
कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं था। बात बस इतनी थी कि आदि चाहते थे कि मैं उन लोगों के साथ तीन फिल्में करूं। अब क्योंकि यह कॉन्ट्रेक्ट वाली बात कुछ ज्यादा ही उड़ा दी गई, कुछ अच्छा काम मुझे मिलते-मिलते रह गया। लेकिन जो लोग चाहते थे कि मैं उनके साथ काम करूं, उन्होंने फिर भी मुझ से संपर्क किया। ‘बैंड बाजा बारात’ के शुरू होने से पहले ही मैं अक्षय कुमार के साथ ‘पटियाला हाउस’ साइन कर चुकी थी। और मैं यह भी जानती हूं कि ‘बैंड बाजा बारात’ के बाद भी यशराज के साथ मेरा रिश्ता बना रहेगा। हो सकता है कि मैं आने वाले तीन सालों में यशराज के साथ दस फिल्में करूं। आदित्य को लगेगा कि मैं किसी फिल्म में सही हूं तो वे जरूर मुझे लेंगे।
शुभ